कब और कैसे कोरोना वायरस बन जाता है खतरनाक? जानिए सबकुछ

कब और कैसे कोरोना वायरस बन जाता है खतरनाक? जानिए सबकुछ

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस को दुनिया में आए एक साल से भी अधिक का समय बीत चुका है। इस दौरान वैज्ञानिक इसके बारे में काफी कुछ जान चुके हैं कि यह वायरस कैसे शरीर में प्रवेश करता है और लोगों को बीमार करता है। हालांकि अभी भी इससे जुड़े बहुत सारे ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं। दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन अस्पताल के डॉक्टर मैथ्यू वर्गीस कहते हैं कि हम यह नहीं जानते कि संक्रमित होने के बाद कौन से मरीज की तबीयत बिगड़ जाएगी और वह वेंटिलेटर पर चला जाएगा और कौन नहीं जाएगा, यह जानने का कोई तरीका नहीं है। आइए जानते हैं कि इस वायरस के संक्रमण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिनके बारे में जानना बेहद ही जरूरी है।

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डॉ. मैथ्यू वर्गीस कहते हैं, 'जब वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो वह तेजी से अपनी कॉपी बनाने लगता है और महज दो दिन में ही हमारे शरीर में करोड़ों वायरस बन जाते हैं। इससे गले में खिचखिच होती है, गले में खराश होती है, खांसी होती है। अब इस वायरस से लड़ने के लिए हमारा शरीर एंटीबॉडी बनाता है और उससे लड़ता है, उसे खत्म कर देता है। इस लड़ाई में तापमान बढ़ता है, इसलिए हमें बुखार होता है, गला सूखता है तो गले में दर्द होता है, गले में खराश होती है, हल्की खांसी होती है। चूंकि इस लड़ाई में शरीर की काफी ऊर्जा इस्तेमाल होती है, इसलिए बदन में दर्द होता है, थकान होता है और ये लड़ाई हमारे शरीर में वायरस के प्रवेश करने के तीन-चार दिन के बाद शुरू होती है।' 

डॉ. मैथ्यू वर्गीस कहते हैं, 'कोरोना वायरस के शरीर में प्रवेश करने के चौथे, पांचवें, छठे दिन आम लोगों में बुखार, खांसी, गले में खिचखिच, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। 10 से 14 फीसदी लोगों में दस्त भी लग सकते हैं। इसके तीन-चार दिन बाद बीमारी ठीक हो जाती है। कुछ दिनों तक थोड़ी सा खांसी रहती है, लेकिन उससे कोई दिक्कत नहीं होती। याद रहे, 80 फीसदी लोगों में कुछ नहीं होता, वे ठीक हो जाते हैं।' 

डॉ. मैथ्यू वर्गीस कहते हैं, '15-20 फीसदी लोगों में बीमारी पांच दिन के बाद एक नया और खतरनाक मोड़ लेती है। इसमें फेफड़ों में खून जमने लगता है, सांस फूलने लगती है, दम घुटने लगता है, लेकिन ये निर्भर करता है कि फेफड़े कितने खराब हैं। अगर फेफड़े ज्यादा खराब हैं तो ज्यादा दम घुटेगा और अगर फेफड़े कम खराब हैं तो कम घुटेगा। ये खतरनाक मोड़ संक्रमण के पांच दिन के बाद से ही शुरू होता है।' 

डॉ. मैथ्यू वर्गीस कहते हैं, 'बीमारी के खतरनाक मोड़ को पहचाना जा सकता है। वे लोग जिनमें बीमारी खतरनाक मोड़ ले रही है, उनमें पांचवें दिन में तेज बुखार होने लगता है, खांसी ज्यादा बढ़ने लगती है और दम घुटने लगता है। ये तीन लक्षण बीमारी को खतरनाक बनाते हैं। अगर समय रहते इन लक्षणों को नहीं पहचाना गया, तो धीरे-धीरे पूरे फेफड़े खराब होने लगते हैं। डायबिटीज, किडनी की बीमारी, लिवर की बीमारी वाले मरीजों में खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे मरीजों के साथ-साथ सामान्य मरीजों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।' 

नोट: यह लेख दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर मैथ्यू वर्गीस द्वारा साझा किए गए वीडियो के आधार पर तैयार किया गया है।

(साभार- अमर उजाला)

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